CBSE Class 6 Hindi Grammar
भाषा, लिपि और व्याकरण
मनुष्य बोलकर अपने भावों को व्यक्त करता है तथा आवश्यकता पढ़ने पर वह लिखकर भी मन की बात को स्पष्ट करता है। इन दोनों का मूल आधार ‘भाषा’ ही है। भाषा शब्द भाष धातु से बना है। इसका अर्थ है - बोलना।
मनुष्य जिन ध्वनियों को बोलकर अपनी बात कहता है, उसे भाषा कहते हैं। भाषा वह साधन है, जिसके द्वारा मनुष्य बोलकर, सुनकर, लिखकर व पढ़कर अपने मन के भावों या विचारों का आदान–प्रदान करता है।
भाषा के रूप
- मौखिक भाषा – जब व्यक्ति अपने मन के भावों को बोलकर व्यक्त करता है, तो वह भाषा का मौखिक रूप कहलाता है।
- लिखित भाषा – जब व्यक्ति अपने मन के भावों को लिखकर व्यक्त करता है, तो वह भाषा का लिखित रूप कहलाता है।
लिपि
भाषा का प्रयोग करते समय हम सार्थक ध्वनियों का उपयोग करते हैं। इन्हीं मौखिक ध्वनियों को जिन चिह्नों द्वारा लिखकर व्यक्त किया जाता है, वे लिपि कहलाते हैं।
परिभाषा: किसी भी भाषा के लिखने की विधि को लिपि कहा जाता है। प्रत्येक भाषा के लिपि-चिह्न अलग-अलग होते हैं तथा उन्हें अलग-अलग नामों से जाना जाता है।
कुछ प्रसिद्ध भाषाएँ एवं उनकी लिपियाँ
| भाषा | लिपि |
|---|---|
| हिंदी, संस्कृत, मराठी | देवनागरी |
| पंजाबी | गुरुमुखी |
| उर्दू, फ़ारसी | फ़ारसी |
| अरबी | अरबी |
| बंगला | बंगला |
| रूसी | रूसी |
| अंग्रेज़ी, जर्मन, फ्रेंच, स्पेनिश | रोमन |
भारत की मान्यता प्राप्त भाषाएँ (22)
भारत में अनेक भाषाएँ बोली जाती हैं; जैसे- हिंदी, संस्कृत, पंजाबी, उर्दू, कश्मीरी, बंगला, उड़िया, तेलुगु, असमिया, सिंधी, गुजराती, बोडो, डोगरी, मैथिली, कन्नड़, संथाली, मणिपुरी, कोंकणी, मलयालम, नेपाली, मराठी। इस प्रकार अब भारत में कुल 22 भाषाएँ प्रचलित हैं।
हिंदी भाषा
संस्कृत भाषा से ही हिंदी भाषा का जन्म हुआ है। 14 सितंबर, 1949 को हिंदी संविधान में भारत की राजभाषा स्वीकार की गई।
भारत के अधिकांश हिस्सों में यही भाषा बोली और समझी जाती है। हिंदी भाषा की पाँच उपभाषाएँ हैं।
हिंदी की उपभाषाएँ एवं बोलियाँ
| उपभाषा | बोलियाँ |
|---|---|
| पूर्वी हिंदी | अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी |
| राजस्थानी हिंदी | जयपुरी, मारवाड़ी, मेवाती, मालवी |
| पहाड़ी हिंदी | गढ़वाली, कुमाउँनी, हिमाचली |
| पश्चिमी हिंदी | खड़ीबोली, हरियाणवी, कन्नौजी, ब्रज भाषा |
| बिहारी हिंदी | भोजपुरी, मैथिली, मगही |
बोली: सीमित क्षेत्रों में बोली जाने वाली भाषा के रूप को बोली कहा जाता है अर्थात स्थानीय व्यवहार में अल्पविकसित रूप में प्रयुक्त होने वाली भाषा बोली कहलाती है। बोली का कोई लिखित रूप नहीं होता।
व्याकरण
भाषा को शुद्ध रूप में लिखना, पढ़ना और बोलना सिखाने वाला शास्त्र व्याकरण कहलाता है।
50 उदाहरण: भाषाएँ और उनकी लिपियाँ
| क्रम | भाषा | लिपि |
|---|---|---|
| 1 | हिंदी | देवनागरी |
| 2 | संस्कृत | देवनागरी |
| 3 | मराठी | देवनागरी |
| 4 | पंजाबी | गुरुमुखी |
| 5 | उर्दू | फ़ारसी |
| 6 | फ़ारसी | फ़ारसी |
| 7 | अरबी | अरबी |
| 8 | बंगला | बंगला |
| 9 | असमिया | बंगला लिपि |
| 10 | ओड़िया | ओड़िया |
| 11 | गुजराती | गुजराती |
| 12 | कन्नड़ | कन्नड़ |
| 13 | तेलुगु | तेलुगु |
| 14 | मलयालम | मलयालम |
| 15 | तमिल | तमिल |
| 16 | संथाली | ओल चिकी |
| 17 | नेपाली | देवनागरी |
| 18 | कोंकणी | देवनागरी |
| 19 | काश्मीरी | शारदा / फ़ारसी |
| 20 | सिंधी | फ़ारसी / देवनागरी |
| 21 | डोगरी | देवनागरी |
| 22 | बोडो | देवनागरी |
| 23 | मैथिली | देवनागरी |
| 24 | मणिपुरी | मेइतेई मयेक |
| 25 | ब्रज भाषा | देवनागरी |
| 26 | हरियाणवी | देवनागरी |
| 27 | राजस्थानी | देवनागरी |
| 28 | खड़ीबोली | देवनागरी |
| 29 | भोजपुरी | देवनागरी |
| 30 | गढ़वाली | देवनागरी |
| 31 | कुमाउँनी | देवनागरी |
| 32 | हिमाचली | देवनागरी |
| 33 | मगही | देवनागरी |
| 34 | अवधी | देवनागरी |
| 35 | बघेली | देवनागरी |
| 36 | छत्तीसगढ़ी | देवनागरी |
| 37 | जयपुरी | देवनागरी |
| 38 | मेवाती | देवनागरी |
| 39 | मालवी | देवनागरी |
| 40 | तिब्बती | तिब्बती |
| 41 | चीनी (मंदारिन) | चीनी चित्रलिपि |
| 42 | जापानी | हिरागाना, कताकाना, कांजी |
| 43 | कोरियाई | हंगुल |
| 44 | जर्मन | रोमन |
| 45 | फ्रेंच | रोमन |
| 46 | स्पेनिश | रोमन |
| 47 | अंग्रेज़ी | रोमन |
| 48 | रूसी | सिरिलिक |
| 49 | ग्रीक | ग्रीक लिपि |
| 50 | लैटिन | लैटिन लिपि |
बहुविकल्पी प्रश्न
- भाषा कहते हैं – (i) भावों के आदान-प्रदान के साधन को
- लिपि कहते हैं – (iii) भाषा के लिखने की विधि को
- बोलकर भाव एवं विचार व्यक्त करने वाली भाषा – (iii) मौखिक भाषा
- लिखित भाषा का अर्थ – (ii) विचारों का लिखित रूप
- हिंदी भाषा की उत्पत्ति – (iv) संस्कृत
- संविधान में मान्यता प्राप्त भाषाएँ – (iii) बाईस
- हिंदी भाषा की उपभाषाएँ – (iii) पाँच
- भाषा के क्षेत्रीय रूप – (iii) बोली
- भाषा के लिखित रूप प्रदान के लिए निर्धारित चिह्न – (iii) लिपि
- भाषा का उद्गम – (iii) ध्वनियों के आधार पर
